थायरॉइड से राहत – राघवन नेचुरोपैथी के साथ

थायरॉइड एक छोटी सी ग्रंथि है जो हमारे गले के सामने स्थित होती है और हार्मोन (T3, T4) बनाती है। ये हार्मोन शरीर के मेटाबोलिज्म, ऊर्जा, हार्ट रेट और मानसिक स्वास्थ्य को नियंत्रित करते हैं। जब थायरॉइड हार्मोन का स्तर असंतुलित हो जाता है, तो कई तरह की समस्याएँ शुरू हो जाती हैं।

थायरॉइड के प्रकार (Types of Thyroid Disorders)

थायरॉइड विकार मुख्य रूप से हार्मोन के असंतुलन से जुड़े होते हैं। जब यह ग्रंथि ज़रूरत से ज्यादा या कम हार्मोन बनाती है, तो शरीर की मेटाबोलिज्म, ऊर्जा स्तर और कई शारीरिक कार्य प्रभावित होते हैं। मुख्य प्रकार इस प्रकार हैं:

इसमें थायरॉइड पर्याप्त हार्मोन नहीं बनाता, जिससे थकान, वजन बढ़ना, ठंड लगना और त्वचा का सूखापन जैसी समस्याएँ होती हैं।

इसमें थायरॉइड ज़रूरत से ज्यादा हार्मोन बनाता है, जिससे वजन कम होना, तेज धड़कन, घबराहट और पसीना आना जैसे लक्षण दिखते हैं।

थायरॉइड ग्रंथि का असामान्य रूप से बढ़ना, जो आयोडीन की कमी या अन्य कारणों से हो सकता है।

थायरॉइड में छोटे-छोटे गांठ बनना, जो कभी-कभी कैंसर का संकेत भी हो सकते हैं।

थायरॉइड ग्रंथि में कैंसर सेल्स का विकास, जो शुरुआती चरण में पहचान कर सही उपचार से ठीक किया जा सकता है।

थायरॉइड के सामान्य लक्षण (Common Symptoms of Thyroid Disorders)

थायरॉइड विकार के लक्षण व्यक्ति के हार्मोन लेवल पर निर्भर करते हैं। यह शरीर के लगभग हर सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं। मुख्य लक्षण इस प्रकार हैं:

हार्मोन कम होने से मेटाबोलिज्म धीमा पड़ जाता है, जिससे शरीर में सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस होती है।

हाइपोथायरॉइडिज्म: वजन बढ़ना
हाइपरथायरॉइडिज्म: वजन घटना

हार्मोनल असंतुलन से बाल पतले और कमजोर हो जाते हैं, त्वचा सूखी और बेजान हो सकती है।

हाइपरथायरॉइडिज्म: धड़कन तेज होना
हाइपोथायरॉइडिज्म: धड़कन धीमी होना

थायरॉइड समस्याएं चिंता, चिड़चिड़ापन और अवसाद जैसी मानसिक स्थितियों को जन्म दे सकती हैं।

हार्मोनल असंतुलन महिलाओं के पीरियड साइकिल में बदलाव ला सकता है।

राघवन नेचुरोपैथी में थायरॉइड का उपचार

राघवन नेचुरोपैथी में डॉ. कुणाल ठाकुर थायरॉइड की समस्याओं का इलाज सिर्फ लक्षणों को दबाने के लिए नहीं, बल्कि उनकी जड़ पर काम करने के लिए करते हैं। यहां हाइपोथायरॉइडिज्म, हाइपरथायरॉइडिज्म, हाशिमोटो डिज़ीज़ और ग्रेव्स डिज़ीज़ जैसी सभी थायरॉइड विकारों का मेटाबोलिक थेरेपी से उपचार किया जाता है। इस थेरेपी में संतुलित आहार, योग-प्राणायाम, डिटॉक्स और जीवनशैली में सुधार के जरिए हार्मोन का प्राकृतिक संतुलन बहाल किया जाता है, जिससे ऊर्जा स्तर बढ़ता है, पाचन और इम्यून सिस्टम मजबूत होता है, और थायरॉइड की समस्या से लंबे समय तक राहत मिलती है। यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित, दुष्प्रभाव रहित और शरीर को भीतर से स्वस्थ बनाने पर केंद्रित है।