बवासीर से राहत– राघवन नेचुरोपैथी के साथ

बवासीर एक आम लेकिन परेशान करने वाली समस्या है, जिसमें गुदा (Anus) या मलाशय (Rectum) की नसों में सूजन आ जाती है और वहां गांठ जैसी संरचनाएं बन जाती हैं। इससे मल त्याग के समय दर्द, जलन और कभी-कभी खून आने की समस्या हो सकती है। राघवन नेचुरोपैथी में बवासीर का इलाज केवल लक्षणों को दबाने तक सीमित नहीं है, बल्कि इसके पीछे छिपे असली कारणों—जैसे पाचन तंत्र की कमजोरी, कब्ज, और मेटाबोलिज्म की गड़बड़ी—को ठीक करने पर ध्यान दिया जाता है। बवासीर दो प्रकार की होती है—

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बवासीर मुख्यतः दो प्रकार की होती है –

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आंतरिक बवासीर (Internal)

जो मलाशय के अंदर होती है। शुरुआती चरण में दर्द कम होता है, लेकिन खून आ सकता है।

बाहरी बवासीर (External)

जो गुदा के बाहर होती है और इसमें दर्द, सूजन व जलन अधिक होती है।

मुख्य लक्षण (Symptoms of Piles)

बवासीर में गुदा और मलाशय की नसें सूज जाती हैं, जिससे मल त्याग के समय दबाव पड़ने पर हल्के या गहरे लाल रंग का खून निकल सकता है। यह शुरुआती चरण में दर्द रहित हो सकता है, लेकिन बढ़ने पर जलन और असुविधा भी होती है।

बाहरी बवासीर में गुदा के आसपास मुलायम या कठोर गांठ बन सकती है, जो सूजन के कारण होती है। यह बैठने या चलने के दौरान असुविधा बढ़ा सकती है।

सूजन और दबाव के कारण लंबे समय तक बैठना मुश्किल हो जाता है। दर्द हल्के से लेकर तीव्र तक हो सकता है, खासकर मल त्याग के बाद।

सूजन और त्वचा में खिंचाव के कारण गुदा क्षेत्र में खुजली या जलन महसूस हो सकती है। कुछ मरीजों को भारीपन और असहजता की भी शिकायत रहती है।

दर्द, सूजन और डर के कारण मरीज मल त्याग टालने लगते हैं, जिससे कब्ज बढ़ सकता है और समस्या और गंभीर हो सकती है।

बवासीर के लिए राघवन नेचुरोपैथी की अनोखी उपचार पद्धति

राघवन नेचुरोपैथी में हम बवासीर का केवल लक्षणों के आधार पर इलाज नहीं करते, बल्कि इसके मूल कारण को जड़ से ठीक करने पर ध्यान देते हैं। हमारा उपचार Metabolic Therapy और संतुलित प्राकृतिक आहार के संयोजन पर आधारित है, जिससे शरीर को अंदर से स्वस्थ बनाया जा सके और समस्या दोबारा न हो।

हम सिर्फ लक्षणों को दबाने के बजाय बवासीर की जड़ में जाकर उपचार करते हैं, ताकि समस्या दोबारा न लौटे।

नसों की मजबूती और रक्त संचार में सुधार लाकर दबाव घटाया जाता है।

कब्ज, गैस और अपच जैसी समस्याओं को खत्म करके आंतों को स्वस्थ किया जाता है।

आहार, योग, और दिनचर्या में सकारात्मक बदलाव से लंबे समय तक बवासीर से छुटकारा दिलाया जाता है।

प्राकृतिक उपचार और आहार से गुदा क्षेत्र की सूजन, जलन और दर्द को कम किया जाता है।

शरीर के मेटाबोलिज्म को संतुलित कर पाचन और रक्त संचार को बेहतर बनाया जाता है।